Govt. P.D. Commerce & Arts College Raigarh

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RESEARCH JOURNAL

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DIGITAL LIBRARY  UPDATE 16 MAY 2021

LEARN BY ONLINE E- LIBRARY APPLICATION DEVELOP 12 MAY 2020

E – LIBRARY WEBSITE  DEVELOPED IN WORK FROM HOME 16.04.2020

COVID-19 AWARENESS QUIZ  AND COMPITION EXAME 23 APRIL 2020

LIBRARY USER ORIENTAION PROGRAMME 06 FEBRUARY 2020

SWAYAM ONE DAY WORKSHOP 22 OCTOBER 2019  

पुस्तकालय की उपयोगिता

ज्ञान की देवी माता सरस्वती की उपासना के लिए दो मंदिर हैं, एक विद्यालय और दूसरा पुस्तकालय विद्यालय में हम गुरु के चरणों में बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं तथा पुस्तकालय में विद्यार्थी अपना खाली समय वह अवकाश का सदुपयोग कर ज्ञानार्जन के साथ ही विश्व के प्रमुख घटनाओं से परिचित होते हैं। ज्ञान प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन पुस्तकालय हैं और पुस्तकालय ही हमारी सच्ची मित्र होती हैं। वर्तमान में ग्रंथालय में विविध विषयों एवं पाठ्य पुस्तकों के अलावा संदर्भ ग्रंथ, शब्दकोश एवं लघु शोध ग्रंथ, उपन्यास, काव्यसंग्रह कहानी, संग्रह नाटक आदि मनोरंजन की पुस्तकें उपलब्ध हैं । विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के प्रतियोगी परीक्षा में सफलता एवं कैरियर मार्गदर्शन हेतु विभिन्न प्रकार के दैनिक, साप्ताहिक, मासिक एवं अर्धवार्षिक समाचार पत्र पत्रिकाएं एवं जनरल की अवस्था नियमित रुप से किया जा रहा है। प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों के लिए शोध कार्य एवं सेमिनार, वर्कशॉप तथा पाठ्य पुस्तकों से संबंधित ई-बुक, ई- जनरल्स की भी व्यवस्था INFLIBNET CENTRE से N-LIST की सदस्यता के माध्यम से लाइब्रेरी में की गई है।

विद्यार्थियों में ज्ञान की प्रचार-प्रसार हेतु निम्न सुविधाएं दी जाती हैं:-

  1. वाचनालय में बैठकर पढ़ने की सुविधा ।
  2. निशुल्क वाई-फाई सुविधा।
  3. निशुल्क पुस्तक आदान प्रदान की सुविधाएं ।
  4. पुराने प्रश्न पत्रों का संग्रह।
  5. पाठक परामर्श सेवा ।
  6. नई पुस्तकों का प्रदर्शन।
  7. नोटिस बोर्ड।

ग्रंथालय संबंधी सामान्य नियम

  1. महाविद्यालय में नियमित अध्ययनरत समस्त छात्र / छात्राओं को ही लाईब्रेरी कार्ड प्रदान किया जाएगा।
  2. अस्थाई प्रवेश छात्र-छात्राओं को पुस्तके निर्गमित नहीं की जाएगी।
  3. प्रत्येक विद्यार्थी को दो पुस्तकें निर्गमित की जाती हैं।
  4. पुस्तके 15 दिनों के लिए ही निर्गमित की जाती हैं, आवश्यकता पड़ने पर विद्यार्थी पुस्तकों को पुनः निर्गमित करा सकते हैं।
  5. निर्गमित की गई पुस्तकों में किसी भी प्रकार का लिखावट एवं काट-छांट तथा पुस्तके गुम हो जाने की स्थिति में पुस्तक के मूल्य से डेढ़ गुना जमा करना होगा।

सारांश यह है कि सभी पुस्तकों को खरीदना सभी छात्र के लिए संभव नहीं हैं। इसके लिए लोग पुस्तकालय का सहारा लेते हैं । पुस्तकालयों से निर्धन छात्र भी लाभ उठा सकते हैं और अपनी रुचि अनुसार पुस्तकें प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तकालय हमारा शैक्षिक, सामाजिक, मानसिक और सांस्कृतिक विकास के साथ ही व्यक्तित्व विकास में भी अत्यधिक मात्रा में सहायक होते हैं।

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